जयपुर,(एआर लाइव न्यूज।) प्रदेश में बढ़ रहे मम्पस रोग के मामलों ने चिकित्सा विभाग की चिंता बढ़ा दी है, मम्पस की चपेट में आए छह मरीज तो बहरे हो चुके हैं और कुछ मरीजों की सुनने की क्षमता कम हो गयी है। स्थिति चिंताजनक इसलिए भी है, क्यों कि यह वयस्कों के साथ ही बच्चों में भी तेजी से फैल रहा है। मम्पस रोग के नियंत्रण के लिए सतर्क हुए चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग ने गाइड लाइन जारी की है। (mumps virus alert in rajasthan)
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि मम्पस एक संक्रामक रोग है। यह संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने या छींकने या लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक आसानी से फैलता है। इसके नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए मम्पस संक्रमण के लक्ष्णों की पहचान, बचाव व शीघ्र चिकित्सकीय उपचार-परामर्श आवश्यक है। चिकित्सकीय परामर्श व उपचार लेकर संक्रमित व्यक्ति परिवार के अन्य सदस्यों से खुद को अलग कर घर में ही आईसोलेट रहे।
लक्षण : गले में लार ग्रंथि में 1 से 3 दिनों तक दर्द, सूजन साथ ही मांसपेशियों में दर्द व सूजन और भूख में कमी होना। इन लक्षणों के महसूस होते ही मरीज तत्काल चिकित्सालय में उपचार-परामर्श लें।
बचाव : मम्पस संक्रमण से बचाव के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति को ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाये रखना जरूरी है।
दो से तीन सप्ताह में दिखते हैं लक्षण
मम्पस से संक्रमित व्यक्ति में लक्षण 2 से 3 सप्ताह में प्रकट होते हैं और यह 10 से 14 दिनों तक रोगी को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि इस रोग के होने पर रोगी में अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है। साथ ही कुछ सेज में बहरापन भी उत्पन्न हो सकता है।
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