छह माह पहले यही हॉस्पिटल सिद्धि विनायक नाम से संचालित होता था, तब भी इसके संचालक गिरफ्तार हुए थे
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयपुर शहर में कुछ निजी अस्पताल तो मरीजों के नाम पर होने वाली कमीशनखोरी के रैकेट से ही चल रहे हैं। कमीशनखोरी के इस रैकेट में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ होता है। गुरूवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेक्टर 6 स्थित जीवन ज्योति हॉस्पिटल (jeevan jyoti hospital udaipur) को सीज कर दिया और इसके प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी है। यह हॉस्पिटल बगैर लाइसेंस चल रहा था। जीवन ज्योति हॉस्पिटल के प्रबंधक अंबरीश कुमार हैं, यह छह महीने पहले इसी बिल्डिंग में संचालित हो रहे सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में पार्टनर थे।
जीवन ज्योति हॉस्पिटल छह महीने पहले सिद्धि विनायक नाम से चलता था और छह महीने पहले भी इस हॉस्पिटल पर कई गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद 25 अगस्त को हॉस्पिटल संचालक को गिरफ्तार किया गया था। तब हॉस्पिटल के कारनामों का खुलासा यहीं काम करने वाले एक कर्मचारी ने किया था।
हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था, कई खामियां भी मिली : CMHO
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच बामनिया ने बताया कि हिरन मगरी सेक्टर 6 स्थित जीवन ज्योति निजी अस्पताल को सील कर दिया गया है। यह हॉस्पिटल बिना लाइसेंस संचालित हो रहा था। फीस नहीं देने पर मरीज को डिस्चार्ज नहीं करने की शिकायत पर हॉस्पिटल में मेडिकल टीम ने छापा मारा तो कई खामिलयां भी मिली।
आज गुरूवार को डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन, यूपीएम वैभव सरोहा, चिकित्सा प्रभारी मुल चंद मीणा, राजेन्द्र सोलंकी सहित टीम ने जांच की। हॉस्पिटल प्रबंधन मांगे गए दस्तावेज नहीं दिखा सके, इस पर सीएमएचओ की आज्ञा से आज अस्पताल को सील कर दिया गया। अस्पताल के खिलाफ थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई है।
उदयपुर में पहले भी सीज हुए है ऐसे हॉस्पिटल जो महीनों से बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे थे
मरीजों के नाम पर कमीशनखोरी का रैकेट उदयपुर के अस्पतालों में धड़ल्ले से चल रहा है। जीवन ज्योति हॉस्पिटल का छह माह पहले सिद्धि विनायक नाम था। तब यहां काम करने वाले कर्मचारी ने मरीजों के नाम पर होने वाली कमीशनखोरी रैकेट का खुलासा किया था। मरीजों और परिजनों को सरकारी अस्पताल ले जाने के बजाए झांसे में लेकर ऐसे निजी हॉस्पिटल लाने पर एंबुलेंस चालकों को 5 हजार से 30 हजार रूपए तक का कमीशन मिलता है। यह कमीशन मरीज की हालत की गंभीरता पर निर्भर करता है।
25 अगस्त को सिद्धि विनायक हॉस्पिटल संचालक कर्मचारी द्वारा दर्ज करवायी गयी एफआईआर पर गिरफ्तार किए गए थे। क्लिक कर डिटेल पढ़ें : सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के कारनामों का खुलासा यहीं पर काम करने वाले कर्मचारी ने किया था
26 सितंबर को उदयपुर की सीएमएचओ की टीम ने भुवाणा स्थित सरोज हॉस्पिटल एवं ट्रोमा सेंटर के खिलाफ कार्यवाही की थी। जब सीएमएचओ की टीम ने हॉस्पिटल पर छापा मारा था तो पता चला था कि हॉस्पिटल बगैर लाइसेंस चल रहा है। यहां भी मरीजों के नाम पर होने वाली कमीशनखोरी के रैकेट का खुलासा हुआ था। क्लिक कर डिटेल पढ़ें : बिना लाइसेंस संचालित सरोज हॉस्पिटल ने मरीज से वसूल लिए थे लाखों रूपए
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