तीन वर्षों के आंकड़ों में चौकाने वाला खुलासा
लकी जैन, उदयपुर, (एआर लाइव न्यूज)। प्रदेश में बच्चों के साथ सबसे ज्यादा यौन अपराध उदयपुर में होते हैं, यह चौंकाने वाला खुलासा पोक्सो एक्ट में दर्ज हुए प्रकरणों के तीन वर्षों आंकड़ों से हुआ है। वहीं पोक्सो एक्ट में सबसे ज्यादा झूठे प्रकरण सीकर में पाए गए हैं, जिसमें पुलिस ने बाद में एफआर दी। (pocso act cases in udaipur rajasthan)
आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक प्रदेश में पोक्सो एक्ट के तहत 13380 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 9695 मामलों में तो पुलिस ने चालान किया और 3092 में एफआर लगा दी। इस अनुसार भी देखा जाए तो प्रदेश में हर दिन 9 बच्चे किसी न किसी तरह से यौन शोषण का शिकार हुए हैं।
बच्चों के साथ इन जिलों में हुए सबसे ज्यादा यौन अपराध
जारी आंकड़ों में 58 पुलिस अधीक्षक जिलेवार स्थिति देखें तो प्रदेश में पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों में सबसे ज्यादा चालान उदयपुर जिले में हुए हैं। प्रदेश में पोक्सो एक्ट में सबसे ज्यादा मामले एसपी जिलावार प्रकरण अलवर में 483, सीकर में 446, उदयपुर में 440, भीलवाड़ा में 416 और भरतपुर में 410 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिसमें आरोप साबित होने पर पुलिस ने सबसे ज्यादा चालान उदयपुर में 349, भीलवाड़ा में 292, अलवर में 276, सीकर में 274 और भतरपुर में 210 प्रकरणों में पेश किए हैं।
हालां कि इन 58 एसपी जिलों में जयपुर पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और ग्रामीण 5 एसपी जिले, जोधपुर पूर्व, पश्चिम और ग्रामीण 3 एसपी जिले और कोटा शहर और ग्रामीण 2 एसपी जिलों में विभाजित है। अगर जयपुर, जोधपुर, कोटा के सभी एसपी जिलों को जिले वार मिलाकर देखें तब भी उदयपुर की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है।
गत तीन वर्षों में जयपुर के पांचों एसपी जिले मिलाकर पोक्सो एक्ट में कुल 1060 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिसमें 758 केस सही मानते हुए पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया है, वहीं जोधपुर के तीन एसपी जिलों में पोक्सो के कुल 596 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिसमें 440 में चालान हुआ और कोटा के दो एसपी जिलों में कुल 528 केस पोक्सो के दर्ज हुए, जिसमें 455 में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया है। जयपुर, जोधपुर और कोटा के बाद सबसे ज्यादा मामले उदयपुर में ही सही साबित हुए हैं, मतलब जहां दर्ज हुए 440 प्रकरणों में पुलिस ने 349 में चालान किया है।
उदयपुर में कानून के प्रति जागरूकता का अभाव भी बड़ा कारण
विशेषज्ञों की मानें तो उदयपुर में सबसे ज्यादा मामले सामने आने का एक बड़ा कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में जागरूकता का अभाव भी है। आदिवासी क्षेत्र में पोक्सो एक्ट या कानून के प्रति लोगों में ज्यादा जागरूकता नहीं है। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की किशोरी किसी युवक को जीवनसाथी मानकर उसके साथ चली जाती है। भले ही लड़की मर्जी से गयी थी, लेकिन कानूनी तौर पर नाबालिग की मंजूरी मान्य नहीं होती है, ऐसे में युवक के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज हो जाता और आरोपी युवक के खिलाफ आरोप साबित होकर चालान भी पेश हो जाता है।
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