नई दिल्ली,(एआर लाइव न्यूज)। ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने आज बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत दे दी है। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में व्यास परिवार को पूजा की इजाजत दी है, साथ ही जिला प्रशासन को व्यवस्था करने के भी निर्देश दे दिए है। कोर्ट के इस आदेश से अब 31 वर्षों बाद यहां फिर से पूजा शुरू हो सकेगी। कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के डीएम 7 दिन के अंदर पुजारी नियुक्त करेंगे, जिसके बाद व्यास परिवार पूजा-पाठ शुरू कर सकता है।(gyanvapi case latest update)
मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन ने कहा कि फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। यह फैसला न्यायसंगत नहीं है। अंजुमन इंतजामिया ने वकील मुमताज अहमद, एखलाक अहमद कहा था कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का पार्ट है। यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इसलिए पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
सितंबर में याचिका दाखिल कर मांगा था पूजा का अधिकार
शैलेन्द्र व्यास ने सितंबर 2023 में वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर कर व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ का अधिकार देने की मांग की थी। करीब 4 महीने बाद वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाया है। ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में 1993 से पहले सोमनाथ व्यास पूजा पाठ किया करते थे। हालांकि, 1993 के बाद यहां पूजा पाठ बंद हो गई थी। 2020 में सोमनाथ व्यास का निधन हो गया था। इसके बाद उषा रानी के बेटे शैलेंद्र व्यास ने पूजा का अधिकार मांगा था।
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