उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। मानसून विदा होने के बावजूद पानी की आवक बनी रहने से ऐतिहासीक राजसमंद झील छलकने लगी है। इससे पहले 44 साल के लंबे इंतजार बाद राजसमंद झील 2017 में छलकी थी। वहीं 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब झील अक्टूबर माह में ओवरफ्लो हुई है। (Rajsamand lake overflow)
खारी फीडर होते हुए नंदसमंद बांध से राजसमंद झील में लगातार पानी की आवक बनी हुई थी। गोमती नदी से भी धीरे धीरे आवक जारी रहने से आखिरकार राजसमंद झील को छलकता हुआ देखने का लोगों का सपना पूरा हो गया। राजसमंद से भाणा-लवाणा रोड पर कमलबुर्ज के पास तीन जगह से पानी की चादर चल रही है। आवक ऐसे ही बनी रही तो जल्द ही चौथे पॉइंट से भी पानी ओवरफ्लो होने लगेगा। राजसमंद झील पर चल रही चादर का देखें वीडियो : –
मानसून विदा होने के बाद पूरी हुई लोगों की उम्मीद
इस मानसून आने से पहले राजसमंद झील का जलस्तर 9.15 मीटर के मुकाबले 3.57 मीटर था। मानसून के मेवाड़ से विदा होने के समय ( 4 अक्टूबर 2023) को राजसमंद का जलस्तर 8.89 मीटर पर पहुंच गया था। मानसून विदा होने के बाद झील के छलकने की उम्मीद कम हो गई थी, लेकिन दो तरफा पानी की आवक बनी रहने से झील छलक ही गई। पानी की आवक जारी रहने से दो तीन दिन में इसकी चादर और तेज होने की पूरी उम्मीद है। गुरूवार को चादर तेज हुई तो सुबह से ही लोगों का ओवरफ्लो स्थल पर पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है।
राजसमंद झील के भरने से क्षेत्र में किसानों की सिंचाई को लेकर चिंता दूर हुई है, साथ ही राजसमंद में सालभर के लिए पेयजल व्यवस्था भी मजबूत हो गयी है।
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