नई दिल्ली,(एआर लाइव न्यूज)। नई दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू हुई जी-20 समिट में स्पेन, रूस और चीन के अलावा सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया। सेशन में भारत के प्रस्ताव पर अफ्रीकन यूनियन को जी-20 को परमानेंट सदस्य बनाने पर सभी देशों ने सहमति बनाई। सभी देशों की सहमति से बतौर अध्यक्ष पीएम मोदी ने जैसे ही प्रस्ताव पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर पीएम मोदी के गले लग गए। इससे अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा।
जी-20 समिट के घोषणा पत्र पर सभी की सहमति बन गयी। दूसरे सेशन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि सभी लीडर्स ने माना है कि जी-20 राजनीतिक मुद्दों को डिस्कस करने का प्लेटफॉर्म नहीं है। सभी ने अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दों को डिस्कस किया है। जी-20 का साझा घोषणा पत्र 37 पेज का है। इसमें कुल 83 पैराग्राफ हैं। इसे ही नई दिल्ली डिक्लेरेशन कहा गया है।
ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की लॉचिंग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समिट में ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित ब्राजील, अर्जेंटीना और इटली के राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूद रहे। बायो फ्यूल एलायंस बनाया जाएगा। इसके फाउंडिंग मेंबर भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे। पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि भारत के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाना प्राथमिकता है। कनेक्टिविटी सभी देशों में विश्वास बढ़ाने का स्रोत है। इसमें सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय एकता का सम्मान होना जरूरी है।
घोषणा पत्र की मुख्य बातें
भारत की पहल पर वन फ्यूचर एलायंस बनाया जाएगा
सभी देश सस्टेनेबल डेवलेंपमेंट गोल पर काम करेंगे। भारत की पहल पर वन फ्यूचर एलायंस बनाया जाएगा। एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर दिया जाएगा। सभी देशों को यूएन चार्टर के नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल पॉलिसी बनाने को लेकर बातचीत की जाएगी। ग्रीन और लॉ कार्बन एनर्जी टेक्नोलॉजी पर काम किया जाएगा।
तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड किया जाएगा
मल्टीलेट्रल डेवलेपमेंट बैंको को मजबूती दी जाएगी, उन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा। कर्ज को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाने को लेकर भारत ने कॉमन फ्रेमवर्क बनवाने की बात पर जोर दिया है। दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड किया जाएगा। सभी देशों ने आतंकवाद के हर रूप की आलोचना की है। आतंकवाद का 9 बार जिक्र किया गया था। जबकि यूक्रेन युद्ध का भी बैठक में जिक्र हुआ।
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