
- एफआईआर में लिखा है “बलप्रयोग किया”, तो बरामद हो सकी रिश्वत की राशि
- क्या थप्पड़ ने बचाई एसीबी की लाज…
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। बीते दो दिन से सिविल ड्रेस पहने एक कांस्टेबल नंदकिशोर पंड्या द्वारा ट्रेप कार्रवाई के दौरान पकड़े गए वर्दीधारी सब इंस्पेक्टर रामसिंह गुर्जर को थप्पड़ मारने का एक सीसीटीवी फुटेज खूब वायरल हो रहा है(acb constable slapped sub-inspector)। फुटेज भी उसी थाने के सीसीटीवी कैमरे का है, जिस थाने में वह प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था, जिसे कांस्टेबल थप्पड़ मारते हुए दिखायी दे रहा है।
लोग इस थप्पड़ वाले सीसीटीवी फुटेज को चटकारे लेकर देख रहे हैं, विभाग ने भी जांच शुरू कर दी, लेकिन इसके पीछे की कहानी क्या है.., उस दिन मौके पर क्या हुआ था.. इसकी भी अजब-गजब कहानी है।। हालां कि इस थप्पड़ को शब्दों के जरिए एसीबी की एफआईआर में जरूर समझा जा सकता है, एफआईआर में बल प्रयोग की बात लिखी है और आमतौर पर ऐसी स्थिति एसीबी के सामने नहीं आती है कि रिश्वत लेते पकड़े गए सरकारी अधिकारी-कर्मचारी को पकड़ने के लिए एसीबी टीम को उसका पीछा करना पड़े, बलप्रयोग कर रिश्वत राशि बरामद करनी पड़े।

क्या थप्पड़ ने बचाई एसीबी की लाज, नहीं तो फेल हो जाता ट्रेप
4 अप्रेल को उदयपुर एसीबी की स्पेशल यूनिट की टीम एक महिला की शिकायत पर ट्रेप करने के लिए चित्तौड़गढ़ के कोतवाली थाने पहुंची। घटनाक्रम के अनुसार थाने में महिला से 3 हजार रूपए रिश्वत लेकर सब इंस्पेक्टर राम सिंह ने पास खड़े पटवारी दोस्त देवेन्द्र कुमार को पकड़ा दिए और बोला कि यह लेकर जाओ, मैं आता हूं। देवेन्द्र कुमार वहां से निकलता, तब तक एसीबी ने दबिश दे दी। इस दौरान हुई अफरा-तफरी में सब इंस्पेक्टर राम सिंह और उसके दोस्त देवेन्द्र कुमार ने वहां से भागने का प्रयास किया। एसीबी टीम भी इनके पीछे भागी। काफी मशक्कत और तीन-चार किलोमीटर पीछा करने के बाद एसीबी टीम ने एक-एक कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के दौरान इन्होंने रिश्वत राशि कहीं छुपा दी थी।
अब एसीबी के सामने रिश्वत राशि बरामद करने की चुनौती थी। आरोपी सब इंस्पेक्टर राम सिंह एसीबी टीम की पकड़ में आया तो उसने एसीबी टीम को थाने के बाहर गालियां देना शुरू कर दिया था। तभी एसीबी टीम के कांस्टेबल नंद किशोर ने सब इंस्पेक्टर को थप्पड़ जड़ दिया और सख्ती से पूछा तो पता चला कि रिश्वत राशि थाने से कुछ दूर एक पत्थर के नीचे दबा कर छुपा दी है। इस पर एसीबी टीम वहां गयी, रिश्वत राशि बरामद की और ट्रेप कार्यवाही पूरी हो सकी।
मैंने मेरी ड्यूटी निभाई, विभागीय जांच पर पूरा भरोसा है: कांस्टेबल नंदकिशोर पंड्या
एसीबी अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि ज्यादातर केस में जब सरकारी अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होता है, तो वह बचने के लिए एसीबी टीम को धमकाने, धौंस दिखाने का प्रयास करता है। लेकिन एसीबी टीम बिना किसी दबाव के काम करती है। रिश्वत लेते पकड़ा गया हर अधिकारी-कर्मचारी एसीबी के लिए सिर्फ आरोपी होता है।
एसीबी कांस्टेबल नंदकिशोर पंड्या से एआर लाइव न्यूज ने इस वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज को लेकर बात की तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। नंदकिशोर ने कहा मैं पिछले 10 वर्षों से एसीबी में ईमानदारी से सेवा दे रहा हूं, उस दिन भी मैंने मेरी ड्यूटी निभाई, मुझे मेरे विभाग और उसकी जांच पर पूरा भरोसा है।
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