उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। खान विभाग में एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल के निर्देशन में हो रहे नित नए प्रयोग और नयी तकनीकी के उपयोग ने न सिर्फ प्रदेश सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की है, बल्कि रेयर अर्थ एलीमेंट्स, सोने के भंडार की खोज से दुनिया के नक्शे में राजस्थान की एक अलग पहचान बन रही है। यही कारण है कि खनन विभाग राज्य सरकार को सर्वाधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल है। (mining in rajasthan) आंकड़ों पर जाएं तो राज्य सरकार को खनिज उत्पादन से बीते दो वर्षों में 11014 करोड़ रूपए के राजस्व रेवेन्यू की प्राप्ति हुई है। ऐसे में यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी कि राजस्थान की धरती खनन से राजस्व उगल रही है।
प्रदेश में तीन जिले ऐसे हैं, जो कुल राजस्व आय का आधे से ज्यादा हिस्सा खनिज उत्पादन से देते हैं। खान विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में प्रदेश में खनिज उत्पादन से 5795 करोड़ रूपए और वर्ष 2022-23 (फरवरी माह तक) में 5219 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है। इसमें भी सर्वाधिक राजस्व भीलवाड़ा, राजसमंद और उदयपुर जिले से प्राप्त हुआ है।
कुल राजस्व को आधे से ज्यादा हिस्सा तीन जिले कमा कर देते हैं
वर्ष 2021-222 और वर्ष 2022-23(फरवरी माह तक) दोनों वर्षों का कुल राजस्व देखा जाए तो भीलवाड़ा जिले से 2916 करोड़ रूपए, राजसमंद से 2383 करोड़ रूपए और उदयपुर से 1048 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है। तीनों जिलों से प्राप्त कुल राजस्व 6347 करोड़ रूपए है, जो प्रदेश के कुल राजस्व 11014 करोड़ रूपए का 57 प्रतिशत हिस्सा है। मतलब ये 3 जिले मिलकर प्रदेश को खनिज उत्पादन में इतना राजस्व देते हैं, जितना प्रदेश के सभी 30 जिले मिलकर भी नहीं दे पाते।
प्रदेश के 13 जिलों में 100 करोड़ रूपए से अधिक का राजस्व
प्रदेश में भीलवाड़ा, राजसमंद और उदयपुर के अलावा ऐसे 9 जिले और है, जहां से खनिज उत्पादन के जरिए 100 करोड़ रूपए से अधिक की राजस्व प्राप्ति होती है। खनिज उत्पादन के वर्ष 2022-23 के आंकड़ों को देखें तो चित्तौड़गढ़, नागौर पाली में 200 करोड़ रूपए से अधिक राजस्व आय हो चुकी है, वहीं अजमेर, बारां, बीकानेर, सिरोही, जयपुर और भरतपुर में 100 करोड़ रूपए से अधिक के राजस्व प्राप्ति हुइै है। इसके अलावा जोधपुर और झुंझुनू ने भी राज्य को खनिज उत्पादन के जरिए अच्छा राजस्व दिया है।
दो वर्षों (2021-22 और 2022-23) में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले टॉप 10 जिले
- भीलवाड़ा : 2916 करोड़ रूपए
- राजसमंद : 2383 करोड़ रूपए
- उदयपुर : 1048 करोड़ रूपए
- चित्तौड़गढ़ : 576 करोड़ रूपए
- पाली : 466 करोड़ रूपए
- नागौर : 433 करोड़ रूपए
- अजमेर : 405 करोड़ रूपए
- सिरोही : 290 करोड़ रूपए
- बाड़मेर : 282 करोड़ रूपए
- बीकानेर : 261 करोड़ रूपए
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