जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। राजधानी जयपुर सचिवालय में बुधवार को स्टेट जियोलोजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 57 वीं बैठक हुई। बैठक् की अध्यक्षता कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि राज्य में योजनावद्ध खनिज एक्सप्लोरेशन और खनिज ब्लॉकों की नीलामी का परिणाम है कि पेट्रोल-प्राकृतिक गैस के खोज व दोहन के साथ ही अब देश दुनिया के नक्शे पर जैसलमेर सीमेंट हब के रुप में विकसित होने जा रहा है। प्रदेश में यूरेनियम, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, लाईम स्टोन, लिग्नाइट, आयरन ओर, कॉपर, जिंक, गारनेट आदि के नये भण्डार खोजे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में खनिज लाईम स्टोन, फेरस मेटल, डेकोरेटिव स्टोन, औद्योगिक खनिज एवं अन्य खनिजों की खोज के लिए 31 विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से कार्य किया जायेगा। सेमी प्रेसियस स्टोन के भण्डारों के कार्य को भी गति दी जानी है। उन्होंने एक्सप्लोरेशन और मेजर व माइनर ब्लॉक्स तैयार करने के कार्य में जियोलॉजी विंग के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि समन्वित प्रयासों से आज खनिज खोज में राजस्थान देश का अग्रणी प्रदेश बन गया है।
उड़ीसा की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर राजस्थान को देश में अग्रणी बनाएंगे
उन्होंने कहा कि अब हमारा ध्येय उड़ीसा की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कराकर राज्य के लिए व्यावहारिक प्रक्रिया को अपनाया जाएगा, ताकि माइनिंग क्षेत्र में राजस्व अर्जन में भी देश का अग्रणी प्रदेश बन सके। उन्होंने विभाग द्वारा राजस्व अर्जन में भी साल दर साल प्रगति की सराहना की और बताया कि मेजर-माइनर ब्लॉकों की अधिक से अधिक नीलामी से वैध खनन को बढ़ावा मिला है तो राजस्व और रोजगार में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य की जियोलोजी विंग को तकनीक और आवश्यकताओं के अनुसार और अधिक साधन संपन्न बनाया जाएगा ताकि कार्य को गति मिल सके।
पोटाश की विदेशों पर निर्भरता कम करेंगे
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि प्रदेश में रॉक फास्फेट के विपुल भण्डारों के साथ ही जिप्सम आदि से मिनरल फर्टिलाइजर तैयार हो रहे हैं, वहीं अब पोटाश के खोज कार्य को और अधिक गति दी गई है, ताकि योजनावद्ध तरीके से पोटाश का खनन शुरु कर विदेशों से आयात पर निर्भरता कम की जा सके।
जीएसआई से अनिंध्य भट्टाचार्य एवं श्री अमित और स्टेट जियोलोजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड के कोआर्डिनेटर व एडीजी एनपी सिंह ने प्रदेश में एक्सप्लोरेशन कार्य की विस्तृत जानकारी दी। अतिरिक्त निदेशक एसके मिण्डा, एडीजी आलोक जैन, एसजी संजय दुबे, खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारीगण, एमईसीएल से नवीन पाला एवं जयंत तिवारी, एएमडी से एसके शर्मा, एनएलसी से श्री सुदर्शन शर्मा, एचसीएल से गोपाल राठी एवं राजपुरोहित, एचजेडएल से सुनिल वशिष्ठ आदि द्वारा अपने-अपने विभाग में किये जा रहे खनिज अन्वेषण की प्रगति से अवगत कराया गया।
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