
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक प्रदेश में 5302 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है। इनमें से विभिन्न मामलों में एफआईआर दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है और 284 प्रकरणों में आरोपियों को सजा भी दी गई है।
श्रम राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र में इस अवधि में 7 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है और इन सातों प्रकरणों में एफआईआर दर्ज कराने के बाद चालान भी प्रस्तुत किया जा चुका है।

14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नियोजित कराना पूर्णतः प्रतिबंधित है
श्रम राज्यमंत्री ने कहा कि नियमानुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नियोजित कराना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही 14 वर्ष से 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को जोखिमपूर्ण कार्यों में नहीं लगाया जा सकता। इससे पहले विधायक अमृतलाल मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्रम राज्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर के अन्तर्गत सराडा,जयसमंद, सेमारी व झल्लारा तहसील में विगत चार वर्षों में मुक्त कराए बाल श्रमिकों से संबंधित विवरण सदन के पटल पर रखा।
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