उदयपुर(एआर लाइव न्यूज)। फतेहसागर ने मंगलवार को नया इतिहास रच दिया। फतेहसागर का गेज 13 फीट 1 इंच होने पर पीछोला को भरने फतेहसागर-स्वरूपसागर लिंक नहर के गेट खोल दिये गए। पीछोला का गेज 11 फीट के मुकाबले 6 फीट 11 इंच है जबकि फतेहसागर में मदार नहर से आवक बनी हुई है।
अब तक के इतिहास में यह पहला मौका होगा जिसमें लोग फतेहसागर के पानी से पीछोला को भरता हुआ देखेंगे। हालांकि अधिकृत रूप से किसी के पास इसका कोई प्रमाण नहीं है कि दरबार के समय फतेहसागर के पानी से कभी पीछोला को भरा गया था या नहीं, लेकिन जलसंसाधन (सिंचाई ) विभाग के उदयपुर कार्यालय में वर्षों से कार्यरत रहे अधिकारियों और झीलों का वाटर मैनेजमेंट संभाल चुके कर्मचारियों के अनुभव के आधार पर यह दावा किया जा रहा है इतिहास में यह पहला मौका आया है जिसमें फतेहसागर के पानी से पीछोला को भरा जा रहा है।
फतहसागर से पीछोला वाटर डायवर्जन वीडियो देखें
फतेहसागर सोमवार दोपहर बाद हुआ था लबालब
फतेहसागर का गेज रविवार सुबह 12 फीट 9 इंच था जो कि सोमवार सुबह 12 फीट 11 इंच हुआ और दोपहर बाद गेज पूर्ण भराव स्तर 13 फीट के स्केल को छू गया। फतेहसागर के लबालब होने और मदार नहर से आवक बनी होने से लिंक नहर के गेट खोलकर पानी को पीछोला में डायवर्ट कर दिया गया। मदार नहर में 2 फीट 3 इंच का बहाव बना हुआ है।
जलसंसाधन विभाग ऐसे प्रयास में है कि फतेहसागर का गेज 13 फीट पर मेनटेन रहे और लिंक नहर से पीछोला में आवक भी होती रहे। ऐसे में मदार नहर से आ रहे पानी के अनुपात में ही लिंक नहर से पानी डायवर्ट कर पीछोला को भरा जाएगा।
पीछोला को भरने वाले बांध अभी भी खाली पड़े
पीछोला को भरने वाले आकोदड़ा बांध, मादड़ी बांध और देवास प्रथम बांध अभी भी काफी खाली पड़े है। सीसारमा नदी भी इतनी वेग से नहीं चली की पीछोला भर सके। ऐसे में मदार नहर से आये पानी ने फतेहसागर के रास्ते पीछोला पहुँच कर पीछोला को भरने में सहयोग करने के साथ ही नया इतिहास भी रच दिया।
14 जुलाई को आवक शुरू हुई थी फतेहसागर में
इस मानसून में 14 जुलाई को फतेहसागर में आवक शुरू हुई थी। तब मदार के दोनों तालाब तो खाली थे, मगर ईसवाल, गोगुन्दा और झामुड़िया की नाल क्षेत्र में तेज बारिश होने से कुछ ही घण्टो में थूर की पाल छलक गई और मदार नहर से फतेहसागर में आवक शुरू हो गई थी। तब फतेहसागर का गेज 13 फीट के मुकाबले करीब सवा पांच फिट था। उसके बाद 16 जुलाई को मदार बड़ा तालाब छलका तो फतेहसागर में आवक और तेज हो गई। इसी बीच 25 जुलाई को मदार छोटा तालाब भी छलक गया। इससे फतेहसागर में आवक का क्रम अभी तक बना हुआ है।