फिर…., एक बार….क्या लगेगी कतार…? भारत तेरी जिंदगी होने लगी तार तार….
कब मंहगाई की कम हो मार…..? अरे भई…..कोई तो ले अब नया अवतार….!!
ARLive news, (प्रवीण घमंडे)
एक गीत के क्या सुहाने शब्द है : आने वाला पल जाने वाला है….हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो पल जो वो जाने वाला है…..! पल या समय किसी के लिये न रूका…न रूकेंगा…न सिकंदर के लिये रूका…न आज के सिकंदर के लिये रूकेंगा… वह तो केबीसी की टिकटिकी की तरह सुई के साथ चल रहा है, घड़ी की सुई भले ही गोल गोल घूमे, लेकिन हमे तो आगे चलना है…आगे बढना है डगर डगर….! 2019 का साल 2020 के साथ हाथ मिलाकर चलने को है।
2019 ने जाते-जाते 2020 के कान में फूंका – संभलियो,,,,ये नया इन्डिया है…यहां कुछ भी हो सकता है…..कभी भी, कहीं से भी गोली चल सकती है….पुलिस भी चलाती है और बदमाश भी….. कहीं से पत्थर भी आता है, तो कहीं जाता है…,,ये ले सीएनएन….CNN….
2020 ने डरते डरते पूछा- CNN….? ये क्या है….?! 2019 ने कहा- कछु नहीं….तेरे वक्त में भी यही होना है….इसलिये तुझे दे रहा हुं….तेरे 365 दिन में यही एजेंडा है….CAA….NRC….NPR….कुल मिलाकर हो गया न “CNN”….और हां दिल्ली के चुनाव भी है, इसलिये केजरी और केसरी का ध्यान रखियो…..!!
2020 में दिल्ली के मैदान में पानीपत की लडाई लडी जानी है….केजरी और केसरी के बीच… कांटे की टक्कर है… पिछले चुनाव में केसरिया बालम का जादू नहीं चला, केजरीवाल बाजी मार गये, और ये पांच साल में केजरी को जितना सताया गया, उतने ही वे मजबूत बने…ये मानना है “आप” का। केजरी मजबूत बने या नहीं….ये तो दिल्ली के मतदाता का जनादेश तय करेगा, लेकिन 2020 में मुकाबला टवेन्टी-टवेन्टी जैसा होना है। 2018, 2019 में 5 राज्य गंवाने वाले भाजपा के लिये 2020 का नया साल चेलेन्ज के साथ आया है। 2020 के पहले ही माह में दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने है।
नये साल के नए भारत का एजेंडा तय है-सीएनएन…यानि सीएए…एनआरसी….एनपीआर..हो गया सीएनएन….तो कुल मिला कर बात ये है कि 2020 में यही चलेगा, फोग नही….!! भारत का नागरिक कौन है, उसकी बहस में वह नागरिक ठेला ढो रहा होगा….दो वक्त की रोटी के लिये यहां वहां भाग दौड रहा होगा…
मंहगाई उसके पीछे ही पीछे लगी रहेंगी….
नया साल….पुराना साल….जाने वाला साल…..आने वाला साल….भई, ये तो चलता रहेगा. समय का काम है चलना। लेकिन सुबह से लेकर शाम तक और शाम से लेकर सुबह तक जो अपनी जिंदगी संवारने की आस में नये भारत में दौड़ रहा है, उसके सपनों का भारत कब बनेगा…? क्योंकि नोटबंदी के बाद तो उसके सपनों का भारत बना ही नही, अब आस टिकी हे, नये भारत पर…. शायद कोई जुगाड हो जाय, तो बात बन जाय…..!
2020 में क्या होगा उस पर नजर डाले तो इतना ही लग रहा है कि….. ए मेरी सरकार के रहनुमा….तुझ से बस इतनी उम्मीद है…उम्मीद से ज्यादा…उम्मीद ये है कि…..किसी को लाईन में खडा रहना पडे ऐसा न हो 2020 में….! क्योंकि……
लाईन में खड़े खड़े थक गया है भारत…
चूर चूर हो चुका है कतार में खड़े खड़े मेरा भारत…!
सीएए….एनआरसी….एनपीआर….आर या पार…..
फिर…? फिर…., एक बार….क्या लगेगी कतार…?
भारत तेरी जिंदगी होने लगी तार तार….
कब मंहगाई की कम हो मार…..?
अरे भई…..कोई तो ले अब नया अवतार….!!
एडिट सोर्स : जीएनएस न्यूज एजेंसी