उदयपुर,(ARLive news)। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कार्डियक सेंटर में 60 वर्षीय मरीज की ह्रदय में ट्यूमर की सर्जरी की गयी है। यह ऑपरेशन इसलिए भी अहम था कि ट्यूमर हार्ट के लेफ्ट साइड के चैंबर में था और 7 सेंटीमीटर बड़ा था। वैश्विक आंकड़ों के अनुसार एक लाख ऑटोप्सी में 0.02% केस में ही इस प्रकार के ट्यूमर के होते हैं।
पीएमसीएच के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. शिरीश की टीम ने यह रेयर ऑपरेशन किया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और पांच दिन ऑब्जर्वेशन में रहने के बाद अब मरीज दरीबा, भीलवाड़ा निवासी शंकरलाल अपने घर भी चले गए हैं।
डॉ. शिरीश एम ढोबले ने बताया कि जब लाखों ऑटोप्सी होती हैं, तो उनमें इस प्रकार का केस मिलने की संभावना मात्र 0.02 प्रतिशत ही होती है। भीलवाड़ा के शंकरलाल रेबारी तीन दिन पहले पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) उपचार के लिए आए थे। उन्होंने डॉक्टर्स को बताया कि उन्हें सांस फूलने की शिकायत है और हर समय कमजोरी रहती है। यह समस्या उन्हें पिछले 4 महीने से है। इस पर उनकी ऑटोप्सी करवायी गयी तो ह्रदय के बायीं तरफ ट्यूमर होना पाया गया।
ट्यूमर का साइज भी 7 सेंटीमीटर था, जो काफी बड़ा था, इससे ह्रदय ब्लॉक हो गया था। इस ट्यूमर की विशेषता होती है कि इसका फेजाइल बड़ा होता है, इसे टच करने या ब्लड सर्कुलेषन के फोर्स से भी इसके टुकड़े टूट सकते हैं। इसलिए खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया था कि सर्जरी के दौरान ट्यूमर के टुकड़े मरीज केे ब्रेन में चले गए तो मरीज की ब्रेन स्ट्रोक से मृत्यु भी हो सकती थी।
ढाई घंटे चला ऑपरेशन
पीएचसीएच के कार्डियक सेंटर के डॉ. शिरीश के नेतृत्व में डॉ. समीर और उनकी टीम ने शंकरलाल का हर्ट ऑपरेशन किया। करीब ढाई घंटे तक चली सर्जरी में ट्यूमर को सफल तरीके से बाहर निकाल लिया गया।
निशुल्क हुआ उपचार
मरीज शंकरलाल रेबारी और उनके परिजनों ने बताया कि उसके पास भामाशाह कार्ड था, इसके बावजूद ऑपरेशन और इलाज का खर्चा इतना ज्यादा था कि वह और उसका परिवार वहन नहीं कर सकता था। इस पर पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने भामाशाह के अलावा ऑपरेशन व उपचार के समस्त खर्चे निशुल्क कर दिए और आज मुझे नयी जिंदगी मिली है।
सुनिए…डॉक्टर क्या कहते इस ऑपरेशन के बारे में और ह्रदय से निकाला गया ट्यूमर..