श्रीहरिकोटा,(ARLive news)। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने सोमवार सुबह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटेलीजेंस उपग्रह (EMISAT) का प्रक्षेपण कर दिया। इसका प्रक्षेपण भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएमएलवी-सी45) द्वारा किया गया। सुबह से प्रक्षेपण की उल्टी गिनती जारी थी। एमिसैट (EMISAT) का प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया जा रहा है। साथ ही भारतीय प्रक्षेपण के इतिहास में पहली बार इसरो ने तीन अलग-अलग कक्षाओं में एमिसैट सहित 28 देशों के सैटेलाइट लॉन्च कर नया इतिहास रच दिया।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट पर सुबह 6.27 बजे उल्टी गिनती शुरू हुई। एमिसैट के साथ रॉकेट अमरीका, स्पेन, स्विटजरलैंड और लिथुआनिया के 28 उपग्रहों को ले जाएगा। इस मिशन में स्विट्ज़रलैंड का 1, लिथुवानिया के 2 और स्पेन का 1 उपग्रह शामिल है। ऐमिसैट इन सैटेलाइट्स को तीन अलग-अलग कक्षों में अलग-अलग चरणों में स्थापित करेगा। इस मिशन में पीएसएलवी डीआरडीओ के उपग्रह एमिसेट और 28 विदेशी उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा। पीएसएलवी का चौथा चरण भी खुद एक उपग्रह के तौर पर कक्षा में स्थापित होगा, जिसमें 3 पे लोड लगे हुए हैं। यानी इस एक मिशन में तीन कक्षाओं में उपग्रह स्थापित होंगे। प्रक्षेपण के समय श्रीहरिकोटा का मौसम साफ और हवाओं की गति प्रक्षेपण मानदंडों के अनुकूल रही। लांच के 17 मिनट बाद एमिसैट कक्षा में स्थापित होगा।
लांच के लगभग 111 मिनट बाद विदेशी उपग्रह अपनी अपनी कक्षा में जाएंगे। एमिसैट 749 किमी वाली कक्षा, विदेशी उपग्रह 504 किमी कक्षा और पीएस-4 480 किमी कक्षा में स्थापित होगा। इसरो के अध्यक्ष के सिवन का कहना है कि यह हमारे लिए विशेष मिशन है। हम चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स के साथ एक पीएसएलवी रॉकेट का इस्तेमाल करेंगे। इसके अलावा पहली बार हम तीन अलग-अलग ऊंचाई पर रॉकेट के जरिए कक्षा में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।