जयपुर,(ARLive news)। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मैन्यूफैक्चर्ड सैंड (M-Sand) पॉलिसी को जारी किया। मौके पर खान मंत्री प्रमोद जैन भाया भी मौजूद रहे। पॉलिसी के तहत एम सैंड बनाने वाली यूनिट्स को उद्योग का दर्जा दिया गया है। पॉलिसी के तहत एम सैंड बनाने वाली नई यूनिट लगाने व पहले से चल रही यूनिट्स को विस्तार करने पर निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लम्बे समय से राजस्थान एम-सेण्ड नीति के बारे में विचार-विमर्श चल रहा था और मुझे बहुत खुशी है आज हम इसका लोकार्पण कर रहे हैं। मेरे हिसाब से यह नीति और यह पूरी प्रक्रिया गेम चेंजर साबित हो सकती है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह बड़ा कदम होगा, रोजगार की दृष्टि से ऐतिहासिक कदम होगा।
एम सैंड का इस्तेमाल दिल्ली मेट्रो में खूब हुआ है
गहलोत ने कहा कि एम सैंड निर्माण कार्यों में गेमचैंजर साबित हो सकता है। इसकी नीति में दिए गए प्रोत्साहन का प्रचार प्रसार होना जरूरी है। एम सैंड यूनिट्स और खनन के लिए जमीन आवंटन भी आसान करना होगा। नौजवानों को जमीन आवंटन, मशीनरी की उपलब्धता में विभाग मदद करे। एम सैंड का इस्तेमाल दिल्ली मेट्रो में खूब हुआ है, कंस्ट्रक्शन में चुनाई एम सैंड से ज्यादा अच्छी होती है। इसके दाने बराबर होते हैं, बजरी की तरह रेत मिक्स नहीं होती।
खान विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने प्रजेंटेशन में बताया कि प्रदेश में अभी एम सैंड के क्रेशर डस्ट का निर्माण के प्लांट्स हैं, एम सैंड की 20 बड़ी यूनिट जयपुर, जोधपुर और भरतपुर में काम कर रही हैं। 20 हजार टन एम सैंड का निर्माण हो रहा है।