नई दिल्ली,(ARLive news)। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया, साथ ही अब इस मसले को सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। सरकार और किसानों के बीच लंबे वक्त से चल रही बातचीत का हल ना निकलने पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया।
सुप्रीम कोर्ट की बनायी कमेटी में चार सदस्य भूपिंदर सिंह मान, अशोक गुलाटी, अनिल घनवट, प्रमोद जोशी हैं। इसमें 2 किसान नेता और 2 कृषि विशेषज्ञ बताए जा रहे हैं। लेकिन खासबात है कि चारों ही केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के समर्थक भी हैं और अलग-अलग समय में इन कानूनों का समर्थन कर चुके हैं।
न्यायालय ने साथ ही किसान संगठनों से सहयोग मांगते हुए कहा, कृषि कानूनों पर “जो लोग सही में समाधान चाहते हैं, वे समिति के पास जाएंगे।” उसने किसान संगठनों से कहा, यह राजनीति नहीं है। राजनीति और न्यायतंत्र में फर्क है और आपको सहयोग करना ही होगा।
अब तक 60 किसानों की हो चुकी है मौत
मंगलवार को भी एक किसान ने खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट में लिखा कि मेरी मौत के जिम्मेदार प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्र सरकार है। सरकार किसानों के साथ जो बर्ताव कर रही है, उससे बेहद आहत हूं। गौरतलब है कि दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों में अब तक 60 किसानों की मौत हो चुकी है। इसमें कुछ की मौत आंदोलन के दौरान तबियत खराब होने से हुई है तो कुछ ने खुदकुशी की। वे सुसाइड नोट में लिखकर गए कि सरकार के रवैए से आहत हैं।