उदयपुर,(ARLive news)। प्रदेश के 11 जिलों सहित संभाग के चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं। इसको लेकर उदयपुर में शनिवार को बैठक हुई। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. भूपेंद्र भारद्वाज ने बताया कि एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू पक्षियों को प्रभावित करने वाली वायरल बीमारी है। राजस्थान में एवियन इन्फ्लूएंजा की यह पहली घटना है, इसका कारक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है। उदयपुर जिले से अब तक इस रोग की कोई रिपोर्ट नहीं है, हालाँकि रेंज में बांसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ से रोग की पुष्टि जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र से वर्ष 2006 में पहली बार क्लासिकल बर्ड फ्लू की सूचना मिली थी और उस समय के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में रोग के कई आउट ब्रेक हुए और उन्हें भारत सरकार की कार्य योजना के अनुसार नियंत्रित भी किया गया । किन्तु अब तक भारत में इंसानों में इस रोग की कोई घटना नहीं हुई है। हालाकि यह जूनोटिक रोग है।
अंडे और अन्य पोल्ट्री उत्पाद खाने से पहले अच्छी तरह से पकाएं
इसलिए वर्तमान में इस बीमारी के बारे में किसी प्रकार की कोई आशंका या भय नहीं रखे ।
अंडे और अन्य पोल्ट्री उत्पाद खाने से पहले अच्छी तरह से पकाएं। पक्षियों में केवल असामान्य मृत्यु ही चिंता का विषय है और इसकी सूचना दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि आज तक यह राजस्थान में जंगली पक्षियों तक सीमित हैए पोल्ट्री में कोई रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हुई है।