फिल्म सिटी कहीं ठगी का नया फार्मूला तो नहीं..?
उदयपुर,(ARLive news)। दो महीने पहले उदयपुर के घंटाघर थाने के हिस्ट्रीशीटर सुनील भट्ट ने अलसीगढ़ में बतौर फाउंडर कलाक्षेत्र नाम से एक फिल्म सिटी को लाॅन्च किया था। प्रेस वार्ता कर दावा किया था कि वे अलसीगढ़ में 150 बीघा जमीन पर फिल्म सिटी बनाएंगे। लेकिन दो महीने बाद अब उसी फिल्म सिटी की जमीन पर फार्महाउस के नाम पर प्लाॅट बेचे जा रहे हैं।
यहां यह जानना भी जरूरी है कि अलसीगढ़ क्षेत्र की पूरी जमीन ट्राइबल (आदिवासियों) की है। अब आदिवासियों की जमीन के मालिक सुनील भट्ट कैसे बन गए यह तो जांच का विषय है। जांच तो इस बात की भी हो सकती है कि आदिवासियों की इतनी बड़ी जमीन कैसे कनवर्ट हो गयी..? आदिवासियों से यह जमीन कब, कैसे और कितने में खरीदी गयी..? पूर्व में यह कौन से आदिवासी के नाम पर थी और वर्तमान में यह किस-किस नाम पर दर्ज है.,? इस काम में किस-किस की मिलीभगत रही है..? यह जांच का विषय है।
पटवारी को नहीं पता जमीन एसटी से सवर्ण के नाम कब-कैसे ट्रांसफर हुई
पटवार मंडल अलसीगढ़ और पीपलवास के पटवारी से मिली जानकारी के अनुसार फिल्म सिटी की जमीन अलसीगढ़ प्रोपर्टीज के नाम से है, जिसके मालिक सुनील भट्ट हैं। पूर्व में यह जमीन आदिवासियों के नाम पर थी।
अलसीगढ़ पटवारी गजेन्द्र सिंह ने बताया कि यह पूरा अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है, ऐसे में पूर्व में ये सारी जमीन आदिवासियों की ही थी, लेकिन यह जमीन सुनील भट्ट के नाम कब और कैसे ट्रांसफर हुई, इसकी मुझे जानकारी नहीं है, न ही मुझे इस बात की जानकारी है कि अब उस जमीन को प्लाॅटिंग कर बेचा जा रहा है।
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि पूरे अलसीगढ़ क्षेत्र का काफी हिस्सा पीछोला झील का कैचमेंट एरिया भी है।
थाने के हिस्ट्रीशीटर का रिकाॅर्ड 2 महीने बाद भी पता नहीं कर पायी पुलिस
इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है। सुनील भट्ट घंटाघर थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। गौरतलब है कि किसी भी हिस्ट्रीशीटर के कार्यकलापों पर संबंधित थाने द्वारा नजदीक से निगरानी रखी जाती है और उसकी गतिविधियों का उसकी हिस्ट्रीशीट में इंद्राज उल्लेख किया जाता है। लेकिन सुनील भट्ट जो कि 12-13 साल पहले मुंबई चले गए थे, वे उदयपुर आ-जा रहे हैं और उन्होंने यहां रहते हुए आदिवासी क्षेत्र में इतनी बड़ी जमीन अपने नाम कर ली, इसके बावजूद इस दौरान पुलिस ने एक बार भी न तो उसे चेक किया, न ही पुलिस की हिस्ट्रशीट में इसका कोई रिकाॅर्ड है।
3 सितंबर को एआर लाइव न्यूज ने खबर प्रकाशित की थी “अलसीगढ़ की फिल्म सिटी के फाउंडर हिस्ट्रीशीटर, तो इनवेस्टर्स कौन.?” तब पुलिस ने जवाब दिया था कि अब जबकि सुनील भट्ट उदयपुर में सक्रिय हैं तो इनका पुराने 10-12 सालों का पूरा रिकाॅर्ड मुंबई से मंगवाया जाएगा।
लेकिन ताजुब्ब की बात है कि दो महीने बाद भी पुलिस सुनील भट्ट का कोई रिकाॅर्ड मुंबई से नहीं मंगवा पायी है। नकली करंसी जैसे संगीन मामले में नामजद हुए हिस्ट्रशीटर की डिटेल निकलवाने में इतना समय लगना विचारणीय है। थानाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि मुंबई डाक भेजी थी, कोई जवाब नहीं आया। हम रिमाइंडर भेजेंगे।