जोधपुर(ARLive news)। लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को राज्य की सीमा पर रोकने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता हरि सिंह राजपुरोहित की ओर से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में सुनवाई के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। साथ ही मामले की सुनवाई 15 मई तय की है।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 10 मई को सर्कुलर जारी किया था कि ई-पास दिखाने पर बॉर्डर में प्रवेश दिया जा रहा है।
इस पर याचिकाकर्ता हरि सिंह राजपुरोहित की ओर से जबाब देते हुए अधिवक्ता मोती सिंह ने कहा कि यह याचिका उन श्रमिकों के लिए दायर की गई है जिन को खाना नहीं मिल रहा और पैरों में बिना चप्पल के ही पैदल चल रहे हैं। जिनके पास न तो एंड्रॉइड फोन है और न ही खुद की गाड़ी। ऐसे में वह एंड्रॉयड फोन लेकर ई-पास कैसे बनाएं।इसके अलावा राज्य सरकार जिस ई-मित्र की बात कर रही है,जंगलों में कहां हैं ई-मित्र। लोग जिन बॉर्डर पर फंसे हैं, वहां पर ई-मित्र तो क्या, उनके बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक नहीं है। फिर ई-पास की बात करना कहाँ तक उचित है।
अधिवक्ता मोती सिंह ने यह भी कहा कि बॉर्डर पर फंसे प्रवासी श्रमिकों को तुरन्त उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाये। साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को भी ट्रेन या बस से घर लाया जाए। दूसरे राज्यों से ट्रेवल की अनुमति के बाद राजस्थान स्टेट बॉर्डर पर स्टेट की अनुमति की बाध्यता को हटाया जाए।