उदयपुर,(ARLive news)। कोरोना से जंग में जहां पुलिस जी-जान से जुटी है, वहीं मल्लातलाई के छीपा कॉलोनी में मस्जिद में मौलाना के एनाउंसमेंट कर लोगों को शब-ए-बरात को लेकर संदेश देने के मामले में अंबामाता थाना पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े हुए हैं। अंजुमन तालीमुल इस्लाम के सदर मुजीब सिद्दीकी ने एसपी को ज्ञापन देकर मामले की जांच करवाने की मांग की है।
अंजुमन सदर मुजीब सिद्दीकी ने ज्ञापन में कहा है कि मस्जिद में जब मौलाना शब-ए-बारात को लेकर उर्दू में एनाउंसमेंट कर कर रहे थे, तब वहां से गुजर रहे थानाधिकारी को उर्दू में कही जा रही बात को समझने में गलती हो गयी और वे मौलाना की बात का अर्थ गलत समझ बैठे। थानाधिकारी ने मौलाना सहित मस्जिद में अनुमति अनुसार मौजूद लोगों को गिरफ्तार किया और आरोप लगाया कि मौलाना एलाउंसमेंट कर लोगों को इकट्ठा होने के लिए कह रहे थे। सदर ने स्पष्ट कहा कि मौलाना शब-ए-बरात पर लोगों को इकट्ठा होने को नहीं कह रहे थे, बल्कि वे घरों में रहकर नमाज पढ़ने के लिए कह रहे थे और नमाज पढ़ने का तरीका बता रहे थे। सदर ने कहा एनाउंसमेंट 8 अप्रेल की शाम को कर रहे थे, जबकि शब-ए-बरात अगले दिन 9 अप्रेल की थी।
सदर ने कहा मौलाना के साथ अनुमति के अनुसार 4 लोग अंदर मौजूद थे। जब थानाधिकारी क्षेत्र से गुजर रहे थे, तो 5 लड़के पुलिस को देखकर मस्जिद के गेट में घुस गए, तो पुलिस ने जब देखा तो उन्हें मस्जिद में 9 लोग दिखायी दिए तो पुलिस सभी को गिरफ्तार कर ले गयी। पुलिस ने मौलाना को भी गलत आरोप में पकड़ा कि वो लोगों को शब-ए-बरात को लेकर लोगों को इकट्ठा होने की कह रहे थे और लोग इकट्ठा हो रहे थे। इससे समाज में लोगों के मन में मौलाना को लेकर गलतफहमी हुई है।
थानाधिकारी ने 9 लोगों को किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि अंबामाता थानाधिकारी लक्ष्मण राम विश्नोई ने 8 अप्रेल को मौलाना सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। मौलाना पर आरोप लगाया था कि वे उर्दू में एनाउंसमेंट कर लोगों को इकट्ठा होने की बोल रहे थे और कर्फ्यू के बावजूद मस्जिद में 9 लोग थे। थानाधिकारी ने अंबामाता थाने से रात को ही इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जो सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुई थी।
कौन सही है और कौन गलत, यह तो जांच हुई, तब ही पता चलेगा।