UNSC की बैठक में कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका-चीन आमने-सामने
वाशिंगटन,(ARLive news)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि महामारी की रोकथाम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कारगर काम नहीं किया, इसलिये अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन को सदस्यता शुल्क न देने का विचार कर रहा है।
इधर चीनी प्रवक्ता चाओ लीचेन ने कहा कि कोविड-19 फैलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम गेब्रेयेसुस के नेतृत्व में सक्रिय रूप से अपनी जिम्मेदारी निभायी है, और महामारी की रोकथाम में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की स्वीकृति और उच्च प्रशंसा प्राप्त हुई है। चीन पहले की तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन देगा, और विश्व में महामारी की रोकथाम में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व का समर्थन करेगा।
UNSC की बैठक में भी कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका-चीन आमने-सामने
कोरोना वायरस महामारी पर संयुक्त राष्ट्र ने बैठक बुलाई तो अमेरिका और चीन आमने-सामने आ गए। जिसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया।
बैठक में चीन की ओर से कहा गया कि कोरोना वायरस हर किसी के लिए खतरा है, जिसमें सभी को साथ आकर काम करना होगा। चीन संयुक्त राष्ट्र की उस अपील का भी समर्थन करता है, जहां उसने सभी देशों से अपने मतभेद भुलाकर पहले Covid-19 से लड़ने की बात कही। चीन ने कहा कि चीन में जब कोरोना वायरस का संकट था, तब कई देशों ने उनकी मदद की। अब वो 100 से अधिक देशों को मदद पहुंचा रहे हैं.
अमेरिका की ओर से यहां बैठक में चीन की नीयत पर सवाल खड़े किए गए। अमेरिका ने कहा कि इस संकट के वक्त में जरूरत है कि पारदर्शिता रखी जाए, ताकि हर कोई सच्चाई जान सके। अमेरिका ने दावा किया कि वह इस वक्त दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
बता दें कि अमेरिका की तरफ से पहले भी आरोप लगाया गया था कि चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर कोरोना वायरस की सच्चाई को छिपाया था, जिसका खामियाजा दुनिया भुगत रही है। इस बैठक में भी अमेरिका ने इस बात को दोहराया और अपील करते हुए कहा कि हर देश को सच के साथ सामने आने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इस बैठक में ग्लोबल सीज़फायर की अपील की, जिसका अधिकतर देशों ने समर्थन किया. फ्रांस, वियतनाम, अमेरिका, चीन समेत कई देशों ने सीजफायर को सही ठहराया और इस वक्त कोरोना वायरस को सबसे बड़ी चुनौती बताया.