उदयपुर,(ARLive news)। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश लॉक डाउन है, लेकिन अब बड़ी संख्या में मजदूर और आर्थिक कमजोर लोगों के पास न तो राशन है और न ही राशन लाने के लिए पैसा। राज्य सरकार ने कहा हम अनाज की किट और फूड पैकेट्स पहुंचाएंगे। लेकिन जमीनी स्तर पर प्रशासन सभी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
कलेक्टर आनंदी ने उदयपुर में जरूरमंदों तक पहुंचने के लिए जो हेल्पलाइन नंबर जारी किए वे लॉक डाउन के चौथे दिन से ही लगने बंद हो गए हैं। कोई जरूरतमंद अपनी व्यथा प्रशासन तक पहुंचाना चाहे तो कैसे..?
उदाहरण के लिए उदयपुर कलेक्टर आनंदी ने जरूरतमंद जिस नंबर पर संपर्क कर सकें इसके लिए हेल्पलाइन के दो लेंडलाइन और तीन मोबाइल नंबर जारी किए थे। सभी मीडिया ने इन नंबरों को पब्लिसाइज कर जनता तक पहुंचाने का प्रयास भी किया, लेकिन अफसोस की बात है कि ये नंबर कभी लगते नहीं है, जबकि इनमें एक नंबर 8233688597 खुद रसद अधिकारी का है, जो हमेशा फॉरर्वडड बताता है। एक मोबाइल नंबर 7891939787 भावेश जोशी के नाम से है और दूसरा नंबर 9887714888 कौशल वैरागी के नाम से है, ये दोनों नंबर कभी भी लगाओ व्यस्त आते हैं या मिलते ही नहीं है। दोनों लैंडलाइन नंबर 0294-2414620 और 0294-2412049 कभी लगते ही नहीं हैं।
फोन लग भी जाए तो जरूरी नहीं कि समाधान होगा
हमारे रिपोर्टर ने करीब तीन घंटे रेगुलर फोन लगाया तो 3.01 बजे कौशल वैरागी का 9887714888 नंबर लगा। उन्होंने एफसीआई गोदाम की तरफ, मादड़ी में कई ट्रक ड्राईवर्स के पास भोजन सामग्री नहीं होने की समस्या सुनी, लेकिन समाधान के बजाए सभी ड्राइवर्स की संख्या, नाम, पते, डिटेल की जानकारी मांगी और कहा कि इसके बगैर भोजन सामग्री नहीं पहुुंचा सकेंगे।
फिर कौशल वैरागी ने बताया कि यह नंबर 3 बजे के बाद बंद हो जाएंगा। 9887714888 नंबर सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक और भावेश जोशी जी का 7891939787 नंबर दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक ही उपलब्ध होगा। लेकिन प्रशासन ने जारी पोस्टर पर भी हेलपलाइन नंबर की उपलब्धता में कोई समय सीमा नहीं लिखी थी। हेल्पलाइन में दिए रसद अधिकारी और लैंड लाइन के नंबर जिन्हें 24 घंटे चलना है, वे लगातार मिलाने के बाद भी नहीं मिले।
गुजरात से पैदल चलकर आ रहे मजदूर जो सर्वे में लिस्टेड नहीं..
गुजरात से पैदल चलकर जो लेबर राजस्थान में खासकर उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा पहुंच रही है, वो नगर पालिकाओं के वार्ड के सर्वे में चिह्नित नहीं हुए और यहां आने के बाद ये घर से निकल नहीं सकेंगे, प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर लग नहीं रहे, तो प्रशासन के पास इन तक भोजन सामग्री पहुंचाने की क्या व्यवस्था है।
कलेक्टर मैडम से इन जरूरतमंदों की ओ रसे गुजारिश है कि कुछ समाधान करें, कोई पुख्ता व्यवस्था बनाएं कि जरूरतमंद तक भोजन सामग्री या भोजन पहुंच सके और वो भी संपर्क कर सके।