नई दिल्ली,(ARLive news)। निर्भया गैंगरेप और हत्या के चौथे दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। नियमों के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का वक्त मिलता है। सवाल अब यह है कि पहले से तय समय सीमा 3 मार्च को निर्भया के दोषियों को अब क्या फांसी दे दी जाएगी?
पवन ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह घटना के वक्त नाबालिग था। इस मामले में उसकी रिव्यू याचिका पहले ही खारिज हो गई थी। 5 जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से पवन की याचिका को खारिज कर दिया। अब पवन के पास सिर्फ दया याचिका विकल्प बचा है।
न्यायाधीश एन वी रमन्ना, न्यायाधीश अरुण मिश्रा, न्यायाधीश रोहिंग्टन फली नरीमन, न्यायाधीश और भानुमति और न्यायाधीश अशोक भूषण सुबह 10:25 बजे याचिका की सुनवाई शुरू की। बता दें कि क्यूरेटिव पिटिशन की सुनवाई बंद कमरे में होती है। इस मामले में बाकी अन्य तीन दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज किया जा चुका है।