नई दिल्ली,(ARLive news)। राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर केंद्र की मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आये फैसले को झटके के रूप में माना जा रहा है। कोर्ट ने राफेल डील को लेकर इस सौदे पर दोबारा सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।
अदालत ने सरकार की राफेल के कागज को लेकर जारी आपत्तियों को खारिज कर दिया है। सरकार ने दस्तावेज रखने को लेकर सवाल उठाए थे। अदालत का कहना है कि जो कागज अदालत में रखे गए हैं वह मान्य है।
गौरतलब है कि द हिंदू समाचार पत्र ने रक्षा मंत्रालय से प्राप्त राफेल डील से संबंधित कुछ दस्तावेज के आधार पर समाचार प्रकाशित किया था और दावा किया था कि इस डील में राफेल की कीमतों और शर्तों के लिए रक्षा मंत्रालय के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय से पेर्लर नेगोशिएशन (समानांतर बातचीत) हुई थी। इस पर मंत्रालय से आपत्ति भी जताई गई थी। इसके अलावा भी द हिंदू समाचार पत्र ने कई बड़े खुलासे किए थे।
द हिंदू से प्राप्त दस्तावेजों और समाचार पत्र के आधार पर जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और राफेल डील की जांच की मांग की थी। केन्द्रीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया था कि ये दस्तावेज चुराए हुए हैं, ऐसे में ये दस्तावेज मान्य नहीं हैं तो इनकी याचिका को खारिज कर दिया जाए।